My new poetry is based on the situation when a person feels depressive and an unknown person ask him or her question about facing situation but the trouble facing person feel unsafe or frighten because the question asking person is unknown.
यह कविता एक एसी परिस्थिति प्रतित करती है , जब हम अंदर से टूट जाते है और कोई अजनबी व्यक्ति हमारी आँखे पढ लेता है और प्रश्न करने लगता है पर हम उस इन्सान को जवाब नही दे पाते क्योंकि हमे डर होता है कि आखिर वह इन्सान अजनबी है।
और यह कविता काल्पनिक है ।
यह कविता एक एसी परिस्थिति प्रतित करती है , जब हम अंदर से टूट जाते है और कोई अजनबी व्यक्ति हमारी आँखे पढ लेता है और प्रश्न करने लगता है पर हम उस इन्सान को जवाब नही दे पाते क्योंकि हमे डर होता है कि आखिर वह इन्सान अजनबी है।
और यह कविता काल्पनिक है ।
🤗🤗🙂
ReplyDeleteBeautiful lines😍
ReplyDeleteThank you
DeleteGood
ReplyDeleteTysm
DeleteNice��
ReplyDeleteTysm
DeleteExcellent Neha...
ReplyDeleteTysm
DeleteNice one
ReplyDeleteThank you
DeleteHum hai ajnabi..
ReplyDeleteAwesome linesss👌👌
Thank you😂
DeleteWah! wah!😋👌👍
ReplyDeleteThank you urvika
DeleteThank you jigu
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ReplyDeleteNice one Neha ��
ReplyDeleteyou write so well👌.
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